Supercomputer क्या है - हिन्दी में

 आज कल हम information technology के युग में जीवन यापन कर रहे हैं , और technology computer के बिना हमारे काम ही नहीं आ सकती



हम जो कुछ भी जानकारी या ज्ञान मिलता है वो सब कंप्यूटर के वजह से ही मुमकिन हो पाया



अपने रोजमर्रा की जिंदगी में जो कंप्यूटर का इस्तेमाल हम करते हैं उसे साधारण कंप्यूटर कहा जाता है। सामान्य कंपूटर से साधारण कार्य जैसे छोटी-छोटी calculation करना , PowerPoint बनाना , text type करना , game खेलना , picture देखना के जैसे काम किये जाते हैं। 



साधारण कंप्यूटर के अलावा एक और कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल बड़े बड़े कामों को पूरा करने के लिए किया जाता है। 


वो कंप्यूटर संधारण कंप्यूटर के मुकाबले बड़ी-बड़ी calculation को चंद मिनटों में कर दिखाता है। मौसम के बारे में अनुमान लगाना ओर बड़ी-बड़ी मशीनों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। 



प्राकृतिक संसाधन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का कार्य करता है , जो यह सारे बड़े-बड़े काम करता है उस कंप्यूटर को supercomputer कहा जाता है। 



अनुक्रम :-

1. Supercomputers क्या है ?

2. Supercomputers में किस तरह की operating system का उपयोग किया जाता है ?

3. Supercomputers की कीमत ओर आकार कैसा होता है ?

4. Supercomputers क्या इस्तेमाल कहाँ किया जाता है।

5. Supercomputers कब और किसने बनाया ?

6. विश्व का पहला Supercomputers कौन था ?

7. भारत के Supercomputers कौन-कौन हैं ?

8. विश्व की top 10 Supercomputers कोन से है ?

9. विश्व के सबसे तेज पांच Supercomputers। 

10. आज आपने क्या सीखा ?



Supercomputers क्या है



Supercomputers के बारे में जाने से पहले हम समझने की कोशिश करेंगे कि कंप्यूटर क्या होता है ?



कंप्यूटर एक समान उद्देश्य से काम करने वाली मशीन है जो input devices जैसे keyboard , mouse के जरिए users से डेटा लेती है। 



फिर उस डाटा की प्रक्रिया करता है और प्रक्रिया के बाद उपयोगकर्ता को output देता है , एक सामान्य कंप्यूटर इसी तरह से काम करता है। 



लेकिन Supercomputers का काम इससे कई ज्यादा अधिक और तेज होता है। 



Supercomputers का उपयोग वहां पर होता है जहां पर बहुत ज्यादा power और तेज गति के साथ वास्तविक काल में बड़ी calculations की जरूरत होती है। 



Supercomputers को हिंदी में "महासंगणक" कहा जाता है। 



Supercomputers सामान्य कंप्यूटर की तरह एक ही समय में एक ही काम नहीं करता बल्कि एक समय में अनगिनत कार्य करने की क्षमता रहता है। 



क्योंकि Supercomputers serial processing के जगह parralel processing के आधार पर काम करता है। 



साधारण कंप्यूटर कार्य को करने के लिए serial processing का उपयोग करती हैं जिसमें एक समय में एक ही कार्य को किया जाता है। 



मतलब एक कार्य को खत्म होने के बाद ही दूसरे कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिसकी वजह से इसमें कार्य की प्रक्रिया धीमी होती है। 



लेकिन supercomputers में हजारों processor लगे होते हैं जो पड़ती सके अरबों करोड़ों की गणना करने में सक्षम होती है। 



एक supercomputers कार्य को पूरा करने के लिए parallel processing का उपयोग करती है , जिसमें वो एक कार्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित कर देता है। 



ओर प्रत्येक micro processor हर भागों में दिए गए कार्य को एक ही समय में एक साथ तेज गति से पूरा करता है। 



सबसे बड़े और शक्तिशाली supercomputers parallel processing का इस्तेमाल करती है , इसमें वो कोई भी process को तेज गति और कम समय में कर सकते हैं। 



supercomputers में कई micro processor एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिल समस्या का तुरंत हल निकाल लेता है , इसीलिए इस कंप्यूटर को इस काबिलियत के आधार पर super कहा जाता है कि वो कितनी बड़ी calculations को कितना जल्दी हल कर लेती है। 



supercomputers एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है और इसकी गति की गणना FLOPS यानी FLOATING POINT OPERATION PER SECOND में की जाती है। 


>Ram क्या है - हिन्दी में


जब की साधारण कंप्यूटर की गति की गणना MIPS यानी MILLIONS INSTRUCTIONS PER SECOND में की जाती है। 



Supercomputers में किस तरह की operating system का उपयोग किया जाता है



Operating system की बात की जाए तो जब नई Supercomputers की शुरुआत हुई थी तो वे UNIX operating system पर कार्य करते थे। 



लेकिन समय और technology में बदलाव के साथ अब अधिकांश नए Supercomputers में LINUX operating system का इस्तेमाल किया जाता है। 



हालांकि manufacturer अपने जरूरत के हिसाब से operating system को बदल भी लेते हैं , LINUX के अलावा CENTOS , BULLX , CRAY LINUX के जैसे operating system का इस्तेमाल भी किया जाता है। 



ज्यादातर Supercomputers का उपयोग scientific कार्यो के लिए किया जाता है तो इसमें कभी कभी traditional programming language Fortran ओर  Mondrian programming language जैसे C ओर C++ का उपयोग भी किया जाता है। 



Supercomputers की कीमत ओर आकार कैसा होता है



Supercomputers साधरण कंप्यूटर की तुलना में हर तरह से बेहतर है, इसीलिए कीमत भी बहुत ज्यादा होती है।   इसकी कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि एक कितनी flops की गति से गणना करता है। 



Supercomputers जितना ज्यादा गणना तेज होगा उसके कीमत अपना ही ज्यादा होगी। इसकी कीमत लगभग 2,00,00 डॉलर से लेकर 200 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा होती है। 



इसकी आकार भी बहुत बड़ी होती है , इसकी ऊंचाई कुछ फीट से लेकर 100 फीट तक की होती है। 



इसकी आकार इस बात पर भी निर्भर करती है कि वो Supercomputers कितने कंप्यूटर से मिलकर बना है। एक Supercomputers 10 से 1,000 से भी ज्यादा कंप्यूटरों से मिलकर बना हो सकता है। 



Supercomputers क्या इस्तेमाल कहाँ किया जाता है



Supercomputers का उपयोग खास कर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है जिसमे कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पे calculation करने की जरूरत पड़ती है। 



परम्परागत रूप से देखा जाए तो तो Supercomputers का उपयोग ज्यादातर इस्तेमाल scientific ओर engineering application के लिए होता है , जिससे ये बड़े-बड़े data base को संभाल सके। 



Performance की बात करे तो ये साधारण कंप्यूटर से हजारों गुणा तेज और accurately काम करता है। 



ऐतिहासिक रूप से इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने जिसे weather forecasting कहते हैं। जिन (genes) का संकलन करना। 



जलवायु अनुसंधान जिसे climate research कहा जाता है , परमाणु शस्त्रों का simulation करने तथा mathematical modeling इत्यादि जैसे कामों के करने में इस्तेमाल किया जाता है। 



Supercomputers कब और किसने बनाया


यदि आप कंप्यूटर के इतिहास के बारे में पता करेंगे तब आप पाएंगे कि किसी अकेले व्यक्ति ने Supercomputers का निर्माण नहीं किया था। 



बल्कि बहुत से लोगों ने मिलकर अपना योगदान समय-समय पर दिया , तब जा कर हमें ऐसे विशाल और शक्तिशाली मशीने देखने को मिला। 



लेकिन जहां बात Supercomputers की आती है , तब इसका एक बहुत बड़ा श्रेय Seymour cray को जाता है। 


क्योंकि उनका योगदान Supercomputers को बनाने में  सबसे ज्यादा है , इन्हें इसके जनक भी कह सकते हैं। 



विश्व का पहला Supercomputers कौन था



विश्व का पहला Supercomputers Seymour cray के द्वारा 1960 में बनाया गया था जिसका नाम CDC 1604 था। 



भारत के Supercomputers कौन-कौन हैं


भारत के पास भी पांच सबसे तेज Supercomputers है जिनके नाम कुछ इस तरह से है :-


1. Pratyush Cray XC 40

 

2. Sahastra Cray XC 40


3. Aaditya IBM / lenovo system


4. IIT Delhi HPC


5. Param Yuva 2


भारत को पहला Supercomputers 1991 में मिला , इसका नाम Param 8000 था।



भारत का सबसे आधुनिक Supercomputers Pratyush है , इसकी memory 1.5 tera byte है , जो कि पुणे के IITM में स्थित है। 



भारत के Supercomputers के top speed 42.56 Tflops है , जिन्हें इसको मौसम और वातावरण को अच्छे से समझने के उद्देश्य से बनाया गया था। 



ये भारत के मॉनसून , बाढ़ , सूखा , चक्रवात ओर हवा की गति के जैसे मौसमी बदलाव की जाँच ओर उसकी भविष्यवाणी सटीकता से कर सकता है। 



विश्व की top 10 Supercomputers कोन से है



1. Summit , Oak Ridge National Laboratory (USA)


2. Sigera Lawrence Livermore National Laboratory (USA)


3. Sunway Taihulight , National Supercomputing Centre (Wuzu , china)


4. Tianhe -2A , National Supercomputing centre (Guangzhou , china)


5. Frontier , Texas Advanced Computing Center , University of Texas (USA)


6. PIZ Daint , Swiss National Supercomputing centre


7. Trinity , Los Alamos National Laboratory (USA)


8. AI Bridging Cloud infrastructure , National institute of Advanced industrial Science and technology (Japan)


9. Supermue - NG , Leibniz Rechenzentran (Germany)


10. Lasson , Lawrence Livermore National Laboratory (USA)



विश्व के सबसे तेज पांच Supercomputers



1. Fugaku (Japan)


2. Summit (US)


3. Sigra (US)


4. Sunway Taihulight (China)


5. Tianhe - 2 (China)



आज आपने क्या सीखा ?



हमें पूरी उम्मीद है कि आपको मेरी यह लेख Supercomputer क्या है - हिन्दी में जरूर पसंद आई होगी। हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि यूजर्स को पूरी जानकारी मिले , और दूसरे sites या internet में इसके विषय में खोजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।  

इससे हम सबकी समय की बचत होगी। अगर इस लेख को लेकर कोई संदेह है या इसमे सुधार/बदलाव होनी चाहिए तो इसके लिए आप नीचे comment कर सकते हैं। 

अगर यह post आपको पसंद आई होगी या कुछ सीखने के लिए मिला है तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। ओर हम कोशिश करते हैं कि लेख को बोल-चाल की भाषा में लिखे

Post a Comment

0 Comments